जब फिलिप ह्यूज एक बाउंसर पर बेहोश हुए और फिर कभी उठे ही नहीं

“बाबू मोशाय, ज़िंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ में है जहांपनाह, उसे ना आप बदल सकते हैं ना मैं. हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां हैं, जिनकी डोर ऊपर…