मेरे ज़ेहन में आज भी अंकित है लोकल ट्रेन का सफ़र

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पहले बॉम्बे लोकल ट्रेन में ऐसे ही टिकट चलते थे। ये अट्ठारह बरस पुराना टिकट है। हमने कभी इस टिकट पर यात्रा की होगी,पुरानी फ़ाइल में मिला। हम बॉम्बे जाने…

सुप्रीमकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद भी जहांगीरपुरी में चलता रहा बुलडोजर

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जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (NDMC) द्वारा की जा रही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे के बाद रोक दी गई। सुप्रीम कोर्ट के एक…

बार्बर साहब द नील ज़िमिन्दार!

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हम सुनाते हैं नील के अत्याचारी ज़मींदार चार्ल्स जोसेफ़ बार्बर की अनसुनी दास्तान।जब 1857 की जंग ख़त्म हुई और अंग्रेज़ों से लड़ने वाले आज़मगढ़ के माहुल स्टेट के राजा इदारत…

‘कॉन्फ्लिक्ट रिजॉल्यूशन:द आरएसएस वे’ सत्य के प्रकटीकरण का साहसिक प्रयास

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‘संघर्ष समाधान: आरएसएस का रास्ता ‘ पुस्तक स्वयंसेवकों के कटु अनुभवों एवं संघर्षों पर आधारित है। आरएसएस को सम्पूर्ण विश्व में एक सांस्कृतिक संगठन के रूप में देखा जाता है।राष्ट्रीय…

बगिया में भाँति-भाँति के फूल!

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कानपुर के जिस गोविंद नगर मोहल्ले में मैं पला-बढ़ा, उसमें पश्चिमी पंजाब (जो बाद में पाकिस्तान बना) से आए पंजाबी रिफ़्यूजी रहते थे। उनमें से दो बुड्ढों को सब लोग…

सोशल मीडिया और भाषा की हबड़-तबड़!

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आजकल खूब तू-तू-मैं-मैं हो रही है। कभी विवेक अग्निहोत्री की कश्मीर फ़ाइल्स को लेकर तो कभी उनके द्वारा भोपाली शब्द को होमो-सेक्सुअल करार दे देने से। कुल मिला कर विवेक…