जब आप ‘भारतमाता’ की जय कहते हैं- तो याद रखिए कि भारत क्या है, और भारत के लोग निहायत बुरी हालत में हैं- चाहे वे किसान हों, मज़दूर हों,…
Category: Literature
बौद्धिक वर्ग की निरंतर सिकुड़ती राजनीतिक और सामाजिक भूमिका
विश्व में होने वाली विविध क्रांतिओं और समय-समय पर होने वाले सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन और सामाजिक सुधारों की सफलता में उस समाज के बौद्धिक वर्ग की अग्रणी भूमिका रही…
पीड़ा जो आज मिली है, आलिंगन उसका कर लो- डॉ0 गीता सिंह
आजमगढ़ की साहित्यिक विरासत को आगे बढ़ाते हुये डॉ0 गीता सिंह अध्यक्ष स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग डी.ए.वी.पी.जी.कॉलेज, आजमगढ़ की अध्यक्षता में इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज के हिन्दी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर ग़ज़लकार,गीतकार…
आज़मगढ़ के साहित्यकारों ने हिन्दी साहित्य की इस अनमोल धरोहर को विस्मृत कर दिया
हिन्दी साहित्य की अनमोल धरोहर है अयोध्या सिंह उपाध्याय “हरिऔथ ” को आज़मगढ़ के साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों द्वारा विस्मृत कर दिया जाना अत्यन्त खेद का विषय है। शायद ही उनकी जयन्ती…
अखबारों से व्यंग्य विधा की विदा
दैनिक हिन्दुस्तान के पाठक देखते रह गए और सम्पादकीय पृष्ठ के ‘नश्तर’ स्तम्भ पर सम्पादक जी का नश्तर चल गया. व्यंग्य रचनाओं से सजा हुआ नश्तर स्तम्भ हिन्दुस्तान के सम्पादकीय…
सभी धर्म दया का दिखावा करते हैं-राहुल सांकृत्यायन
दुनिया के सभी मज़हबों में भारी मतभेद है, क्योंकि एक धर्म पूरब मुँह करके पूजा करने का विधान करता है, तो दूसरा पश्चिम की ओर। एक सिर पर बाल बढ़ाना…
गर्मी में शराब के स्थान पर लीजिए तरकुलारिष्ट
ताड़ी का मौसम क़रीब है। चैत्र रामनवमी के बाद ताड़ी उतरने लगेगी। ताड़ी के शौक़ीनों के अनुसार मौसम में सुबह एक गिलास ताज़ी ताड़ी पीने से शरीर स्वस्थ हो जाता…
माँ को समर्पित, मन के भाव
जीवन के इस नव पड़ाव पर, सत्य नए से पाती हूं। वृद्धावस्था बाल पने में, देख-देख हर्षाती हूं।। भूल चुकीं हैं सासू मां भी, विधि सारे पकवानों की। सेवा मम्मी…
आज फिर एक नई शुरुआत करते हैं
चलो आज फिर एक नई शुरुआत करते हैं देर हो चुकी है बहुत पर आज से ही कल का आगाज करते हैं मिलो पीछे ठहरने वाले आज आगे निकल चुके…
वंशवाद अब डोल रहा है…
वंशवाद अब डोल रहा है… देश का युवा बोल रहा है, वंशवाद अब डोल रहा है जिसके लिए मैंने की लड़ाई, जेल गया और लाठी खायी आज़ादी के खातिर मैंने,…
