
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जुमे की नमाज के बाद दो समुदायों के सदस्य आमने-सामने आ गए और उन्होंने एक-दूसरे पर ईंटों से पथराव किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान गोलीबारी भी हुई. हालांकि पुलिस ने कहा कि हालात को कंट्रोल कर लिया गया है. वहीं इस मामले में अब तक 36 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. खास बात ये है कि, माहौल उस वक्त बिगड़ा जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद समेत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर में मौजूद थे. वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस हिंसा को लेकर काफी गंभीर दिख रहे हैं. सीएम योगी ने सख्त निर्देश देते हुए हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं.
सबसे पहले चंद्रेश के हाता में हुआ था पथराव
जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग यतीमखाना के बाजार में आए. दुकानें बंद करने का दबाव बनाने लगे. दूसरे धर्म के लोगों ने दुकान बंद करने से मना किया था. नमाजियों के बीच शामिल कुछ अराजक तत्वों ने सबसे पहले चंद्रेश के हाता में घुसकर पथराव कर दिया. जिसके बाद माहौल बिगड़ गया. भीड़ में शामिल अराजक तत्वों ने तमंचों से फायर भी किए. इसकी जानकारी होने के बाद पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा, ज्वाइंट कमिश्नर आनंद तिवारी भी मौके पर आ गए. पुलिस ने लोगों को नियंत्रित करने के लिए कई राउंड फायर किया. लाठीचार्ज करके लोगों को गलियों में खदेड़ा गया. फिर भी लोग रुक-रुककर पथराव करते रहे. पुलिस ने पूरे एरिया की घेराबंदी कर दी है. फिलहाल कानपुर में तनाव का माहौल बना हुआ है. इस पथराव में करीब 7 लोग घायल हुए हैं. जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

कानपुर शहर में 4 घंटे तक चला उपद्रव
परेड चौराहा पर करीब एक हजार लोग इकट्ठा हुए. बवाल शुरू होने के बाद स्थितियां तेजी से बेकाबू हुईं. पुलिस तंग गलियों में घुसकर कार्रवाई नहीं कर पा रही थी. हालांकि करीब 4 घंटे तक चले उपद्रव के बाद स्थितियां काबू में आ गईं. पुलिस ने 18 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है. वहीं, कानपुर उपद्रव पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी. कोई बख्शा नहीं जाएगा.

पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर प्रोटेस्ट
दरअसल, भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा ने एक टीवी डिबेट में पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की, जिससे मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज थे. मुस्लिम समुदाय के लोग यतीमखाना की सद्भावना चौकी के पास बाजार बंद करा रहे थे. तभी दो समुदाय के लोग आमने- सामने आ गए, जिसके बाद पथराव हुआ. बवाल इसलिए भी हुआ क्योंकि, जुमे की नमाज के दौरान ज्यादातर मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वे पैगंबर पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं, मुस्लिम संगठनों ने बाजार बंद का आह्वान भी किया. पुलिस ने किसी भी इलाके में लोगों को नमाज के बाद प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी. हालांकि, लोग सड़कों पर निकल आए.
उपद्रवियों के घर पर चलेगा बुलडोजर
कानपुर देहात में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के दौरे के बाद सीएम योगी सीधे गोरखपुर पहुंचे. शुक्रवार देर रात उन्होंने यूपी के लॉ एंड आर्डर पर वर्चुअल बैठक की. यूपी के अफसर इस बैठक में थे. उपद्रवियों पर गैंगस्टर एक्ट लगेगा. संपत्तियों को चिह्नित करके बुलडोजर चलाया जाएगा.

कानपुर हिंसा की 10 बड़ी बातें…
1- कानपुर में हुए इस बवाल के मामले में अब तक 36 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े एक्शन की बात कही है. सीएम ने कहा कि मामले के दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. सीएम योगी के आदेश के बाद पुलिस ने कहा कि आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाएगा और उनकी संपत्ति ज़ब्त या ध्वस्त की जाएगी.
2- इस FIR में नामज़द 36 और अज्ञात क़रीब 450 लोगे पर मुक़दमा है जिसमें पेट्रोल बम और पत्थर से भीड़ के जानलेवा हमले की बात कही गई है. PFI के परवेज़ हयात का नाम भी आरोपियों में है.
3- FIR कन्हैया लाल नाम के एक शख्स ने लिखाई है जिसमें कहा गया है कि ये भीड़ नारे लगाते हुए हम पर हमला कर रहे थे. ये कह रहे थे कि “हिंदुओं को मार डालो ये सब काफिर हैं और बीजेपी-RSS के एजेंट हैं.”
4- सूफी खानकाह एसोसिएशन ने कानपुर हिंसा पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि इसके पीछे PFI कनेक्शन-सूफी खानकाह एसोसिएशन का हाथ है. सूफी खानकाह एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने हिंसा की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. उनका आरोप है कि, PFI ने स्थानीय अपराधियों की मदद से हिंसा फैलाई है. वहीं, इसे लेकर सूफी खानकाह एसोसिएशन ने CM को चिट्ठी लिखी है.
5- पुलिस ने अब तक की जांच के बाद 3 एफआईआर दर्ज की हैं. वहीं, पुलिस हिंसा के मास्टरमाइंड हयात जफर की तलाश में जुटी है. हयात और उसके साथियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस, क्राइम ब्रांच की टीमें दबिश दे रही है. साथ ही हयात के करीबियों के घर भी पुलिस छापा मार रही है.
6- कानपुर में क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए IPS अजयपाल शर्मा को विशेष रूप से भेजा गया है. वहीं, माहौल को देखते हुए PAC के 1320 जवान भी गश्त में लगाए गए हैं.
7- बहुजन समाज पार्टी की सुप्रिमो मायावती ने हिंसा को लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री जी के यूपी दौरे के दौरान ही कानपुर में दंगा व हिंसा भड़कना अति-दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व चिन्ताजनक तथा पुलिस खुफिया तंत्र की भी विफलता का द्योतक. सरकार को समझना होगा कि शान्ति व्यवस्था के अभाव में प्रदेश में निवेश व यहां का विकास कैसे संभव? उन्होंने कहा कि, सरकार जाति-धर्म से उठकर मामले की निष्पक्ष तौर से इसकी जांच कराए.
8- इस मामले पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया आई. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और ख़ुफ़िया-तंत्र की विफलता से बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए. भड़काऊ बयान से कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए बीजेपी नेता को गिरफ़्तार किया जाए. हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील है.”
9- आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी भी सरकार पर निशाना साधने में नहीं चुके. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “कानपुर के कुछ लोगों ने कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने के बाद, श्रीनगर में जमीन खरीदने के सपने देखे होंगे. लेकिन आज देश, कश्मीर और कानपुर में इतनी मजबूत सरकार है. कानपुर वसियों को कश्मीर जाने की जरूरत ही नहीं है!”
10- पुलिस के मुताबिक अल्पसंख्यक समुदाय के लोग हाल ही में टीवी पर बहस के दौरान BJP प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर नाराज थे और इसी के विरोध में वो इलाके की दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे थे जिसके बाद हिंसा भड़की.
