1,911 total views, 2 views today
यूपी के गोसाईंगंज (अयोध्या) सीट से बीजेपी विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को 29 साल बाद फर्जी मार्कशीट केस में एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई. उल्लेखनीय है कि साकेत महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी ने तीन लोगों के खिलाफ फर्जी मार्कशीट के आधार पर एडमिशन लेने का मुकदमा दर्ज करवाया था.
आरोपी फूलचंद यादव ने बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा 1986 में अनुत्तीर्ण रहने और बैक पेपर परीक्षा के उपरांत भी बीएससी द्वितीय वर्ष में प्रवेश लिया था. इसके लिए उन्होंने फर्जी अंक पत्र का सहारा लिया था. इसी तरह खब्बू तिवारी बीएससी द्वितीय वर्ष परीक्षा 1990 में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद बीएससी तृतीय वर्ष और कृपा निधान तिवारी ने प्रथम वर्ष 1989 में एलएलबी प्रथम वर्ष में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद छल कपट कर एलएलबी द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर लिया. इन तीनों के खिलाफ थाना रामजन्मभूमि में धारा 420 467 468 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.
खब्बू तिवारी की विधानसभा सदस्यता खतरे में आ गई है. कानून के मुताबिक दो साल से अधिक की सजा पर सजा की तारीख से ही सदस्यता समाप्त किए जाने का प्रावधान है. विशेषज्ञों की मानें तो खब्बू तिवारी की विधायकी जानी तय है. हलांकि खब्बू तिवारी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.