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जिलाधिकारी राजेश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों को डीएपी एवं अन्य उर्वरकों की कमी नही होनी चाहिए। उन्होने कहा कि डीएपी की काला बाजारी किसी भी दशा में न हो। उन्होने कहा कि किसानों को मानक के अनुरूप ही उर्वरक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में पर्याप्त मात्रा में डीएपी उपलब्ध है, इसलिए किसानों को उनके मानक के अनुसार पारदर्शी एवं निष्पक्षता के साथ वितरण करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी ने पराली प्रबंधन की समीक्षा करते हुए कहा कि पराली किसी भी दशा में खेतों में नही जलनी चाहिए। उन्होने कहा कि लेखपाल सुनिश्चित करेंगे कि धान के कटते ही खेत की जुताई हो जाए। उन्होने कहा कि किसी भी क्षेत्र में पराली जलायी गयी तो लेखपाल और कृषि विभाग के अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होने कहा कि क्षेत्र में भ्रमण करते रहें तथा यदि कहीं पराली जलती पायी जाये तो तत्काल डीकम्पोज करायें।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि धान का क्रय करने से संबंधित सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करायी जाये। उन्होने कहा कि किसानों से धान क्रय के लिए आफलाइन एवं आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाये। उन्होने कहा कि धान को रखने के लिए गोदाम एवं बोरे की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि संबंधित क्षेत्र के उप जिलाधिकारी प्रत्येक तीसरे दिन धान क्रय केन्द्रों का निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि धान क्रय केन्द्रों पर किसी भी कीमत पर दलाल सक्रिय न रहें। उन्होने कहा कि यदि दलाल के माध्यम से धान क्रय किया गया तो संबंधित के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्धारित क्षमता के अनुरूप ही मिलों को चलाना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि प्रत्येक दिन मिल अपनी क्षमता के अनुरूप धान की कुटाई सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि प्रत्येक रविवार को विस्तृत रिपोर्ट प्रेषित करना सुनिश्चित करें।