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#Sultanpur Breaking: सुल्तानपुर के बाहुबली सोनू और मोनू को कौन नहीं जानता… ऐसा माना जाता है कि इन दोनों की इजाजत के बिना जिले में पत्ता तक नहीं हिलता.
यह दोनों सियासत के खासा जानकार माने जाते हैं…. लेकिन इस बार त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव में सियासी दांव पेंच सोनू और मोनू पर उल्टा पड़ गया… या यूं कह ले की बहन अर्चना सिंह का चुनावी अखाड़े में उतरना बाहुबली भाइयों पर भारी पड़ गया… सियासी जानकारों के मुताबिक जब से अर्चना सिंह ने सियासत में कदम रखा है तब से सोनू और मोनू की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं… कुल मिलाकर यह समझ लीजिए बहन के सियासत में उतरने के बाद से भाइयों की साढ़ेसाती शुरू हो गई है….सुल्तानपुर और उसकी सियासत का जब भी जिक्र होता है तो वह सोनू और मोनू के नाम के बिना अधूरा है… यह दोनों सियासत में किसी को भी धोबी पछाड़ देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं… लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि इनके सियासत के दांव पेच इन पर ही उल्टे पढ़ने लगे… सोनू और मोनू जब से सियासत में उतरे हैं तब से इन पर मुकदमों की झड़ी लगी हुई है विवाद और सोनू मोनू का चोली दामन का साथ रहा है…. लेकिन इल्जाम चाहे जितने हो यह दोनों हमेशा पाक साफ बने रहते हैं लेकिन इस बार दाव कुछ उल्टा पड़ गया.
#Sultanpur Breaking:सुल्तानपुर की सियासत में शामिल लोग शायद यह नहीं चाहते कि सोनू और मोनू के परिवार से अब कोई और सियासत में उतरे… शायद इसीलिए बहन अर्चना सिंह के सियासी अखाड़े में उतरते ही सोनू मोनू की दिक्कतें बढ़ने ली … त्रिस्तरीय पंचायती चुनाव के दौरान सोनू मोनू और उनकी बहन पर मुकदमों की भरमार हो गई… पहले मोनू को अमहट चौराहे के पास चेकिंग के नाम पर रोका गया और फिर गिरफ्तार कर लिया… हालांकि अगले दिन मजिस्ट्रेट ने मोनू सिंह को जमानत दी थी… इसके बाद अर्चना सिंह पर हर्ष फायरिंग के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया… अभी वोटिंग हुई भी नहीं थी कि शिवकुमार पर जानलेवा हमला हो गया… जिसका इल्जाम भी मोनू सिंह के समर्थकों पर लगा… चारों तरफ से सियासी दांव और कानूनी फंदे में मोनू सिंह सोनू सिंह और अर्चना सिंह को घेर लिया गया… बावजूद इसके तीनों भाई-बहन पीछे नहीं हटे… लेकिन हद तो तब हो गई जब जिला पंचायत अध्यक्ष के मतदान के दिन सोनू सिंह के घर पर उन्हें नजरबंद कर दिया गया… सोनू सिंह के घर को छावनी में तब्दील कर दिया गया… और नतीजतन अर्चना सिंह चुनाव हार गई और बीजेपी समर्थित प्रत्याशी शिव कुमार सिंह की पत्नी उषा सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बन गई… जिला पंचायत अध्यक्ष गद्दी के लिए अर्चना सिंह और उषा सिंह के बीच कांटे की टक्कर थी.
#Sultanpur Breaking: सोनू और मोनू ने बहन को चुनाव में क्या उतारा मानो वह अपने विरोधियों की आंखों में और भी ज्यादा खटक ने लगे… इस पूरे हालात और चक्रव्यू को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कोई है जो यह नहीं चाहता कि सोनू और मोनू के परिवार से कोई महिला अब सियासत में उतरे… और शायद इसीलिए अर्चना सिंह के चुनाव लड़ने पर पूरे परिवार को इस कदर परेशान किया गया… जाहिर है यह वही चक्रव्यू है इसे आप सोनू और मोनू को खुद तोड़ना होगा….