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लखनऊ की स्पेशल कोर्ट ने चित्रकूट गैंगरेप मामले में यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उन पर 2 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने मामले के दो अन्य आरोपियों आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी उम्रकैद की सजा सुनाई। गैंगरेप और पॉक्सो एक्ट के तहत एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कुछ दिन पहले ही इस मामले पर फैसला देते हुए कोर्ट ने गायत्री प्रजापति समेत 3 लोगों को दोषी ठहराया था।
शुक्रवार को कोर्ट में सजा पर सुनवाई हुई, जिसके बाद ये फैसला सुनाया गया। वहीं इस मामले में कोर्ट ने कुछ दिनों पहले चार आरोपियों क्रमशः अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल व रुपेश्वर उर्फ रुपेश को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
रिपोर्ट में कहा गया था कि खनन का कार्य दिलाने के लिए आरोपियों ने महिला को लखनऊ बुलाया। इसके बाद कई जगहों पर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। महिला का आरोप है कि उसने घटना की विस्तृत रिपोर्ट पुलिस महानिदेशक को सौंपी लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया था।
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति 18 मार्च 2017 में गिरफ्तार हुए थे। जब उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था, उस वक्त वे यूपी की अखिलेश सरकार में परिवहन मंत्री थे। इससे पहले वे प्रदेश सरकार में खनन मंत्री थे, जिसमें करोड़ों के घोटाले के आरोप में उनके घर और परिसरों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी।
पूर्व मंत्री के साथ जिस अशोक तिवारी को आजीवन कारावास की सुनाई गई वह लेखपाल (मार्च 2017 में जेल जाने के बाद से निलंबित) है। अंबेडकर नगर का रहने वाला व अमेठी में तैनात रहा यह लेखपाल शुरू से ही गायत्री का करीबी था। गायत्री विधायक व बाद में मंत्री बने तो अशोक को अपने साथ लखनऊ ले गए। बाद में अशोक भी गायत्री के साथ गैंगरेप के मामले में उसे भी आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई। अमेठी में तैनाती व गायत्री का करीबी बनने के बाद अशोक ने भी अकूत संपत्ति बनाई। लोगों की बातों पर यकीन करें तो अशोक के पास अमेठी में शॉपिंग कांप्लेक्स व मकान के अलावा काफी चल अचल संपत्ति है।