जिस जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास करने आ रहे हैं पीएम मोदी, उसको लेकर अब किसानों ने शिलान्यास कार्यक्रम का विरोध करना शुरू कर दिया है। और यूपी के सीएम योगी का घेराव करने की हुई कोशिश भी हुई। आक्रोशित किसान अपना हक मांग रहे हैं।
एक दिन बाद गुरुवार 25 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी गौतमबुद्धनगर के जेवर में बन रहे देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का शिलान्यास करने पहुंच रहे हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी भी मौजूद रहेंगे। अधिकारियों से लेकर नेताओं और मंत्रियों के दौरे तेज हो चुके हैं। लेकिन अब बड़ी संख्या में लोग इसका विरोध कर रहें हैं और ये वो लोग है, जिन्हें मुआवजा तक नहीं मिला और वे घर टूटने के बाद इस सर्दी के मौसम में भी टेंट में रहने को मजबूर हैं।
क्या है पूरा मामला?
देश के सबसे बड़े जेवर इंटरनैशनल एयरपोर्ट के निर्माण हेतु कई गांवों को शिफ्ट किया गया था। बताया जा रहा है कि एयरपोर्ट के क्षेत्र में आने वाले करीब 6 गांवों को सेक्टर की तर्ज पर डिवलेप कर करीब 3 हजार परिवारों को शिफ्ट किया गया। यमुना अथॉरिटी की तरफ से उनके लिए सेक्टर में बिजली, पानी, सड़कें आदि की व्यवस्था करनी हैं।
सेक्टर बताकर जिस जगह पर इन विस्थापित परिवारों को शिफ्ट किया गया, वहां मकानों की दीवारों में दरारें आ गई हैं। आरोप है यह भी है कि अभी तक बिजली, पानी और शौचालय आदि समेत अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी मुहैया नहीं है। बताया जा रहा है कि हल्की बारिश कारण सेक्टर में बनाई गई सड़कें टूट गई हैं, जिसकी वजह से जगह-जगह जलभराव हो गया है।
अधूरी तैयारियों के बीच ही यूपी प्रशासन और यमुना अथॉरिटी ने किसानों के आशियाने को उजाड़ दिया है। रोही, नंगला शरीफ सहित अन्य गांवों के लोगों की जमीन एयरपोर्ट के लिए ली गई। अब तक कई परिवार ऐसे भी हैं, जिन्हें मुआवजा तक नहीं मिला है। सैकड़ों किसान परिवार गृहस्थी और मवेशियों के साथ बीते कुछ सालों से तंबू बांधकर रहने को मजबूर हैं।
जहाँ पर पीएम मोदी का कार्यक्रम होना है, वहां से कुछेक किलोमीटर की दूरी पर इन गांवों को विस्थापित कर रह रहे हैं। किसानों का आरोप यह भी यह है कि सरकार से अगर मुआवजा मिला भी है तो वह पूरा नहीं मिला है। जिसे लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका भी डाली गई है। इसी मांग को लेकर अब किसानों ने शिलान्यास कार्यक्रम का विरोध करना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में आज सीएम योगी का घेराव करने की हुई कोशिश भी हुई।

आपको बताते चलें कि इसके पहले भी नगला छीतर के किसान मुआवजा, संपत्ति के पैसे और भूखंड की मांग को लेकर एयरपोर्ट की निर्माणाधीन साइट पर विरोध प्रदर्शन किये थे। पिछले दिनों 14 नवम्बर को किसान एकजुट होकर एयरपोर्ट के शिलान्यास स्थल पर पहुंचे थे और काम काम रुकवा दिया था। किसानों ने एयरपोर्ट के केंद्रीय बिंदु (एआरपी) पर बनाए जा रहे शिलान्यास स्थल की ईंटों को उखाड़ भी दिया था, लेकिन अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों के समझाने के बाद किसान शांत हुए थे और फिर से काम शुरू कराया गया था। तभी किसानों ने कह दिया था कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक वह विरोध करते रहेंगे।
