अखिलेश के लिए सर्वोत्तम होगी आज़मगढ़ की गोपालपुर विधानसभा

0Shares

 555 total views,  2 views today

अखिलेश यादव के आज़मगढ़ ज़िले से विधानसभा चुनाव लड़ने की ख़बर मीडिया में आ रही है। आज़मगढ़ ज़िले में दस विधानसभा सीटें हैं, जिनमें से दो लालगंज और मेंहनगर विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है। बाकी बची आठ सीटों में से अखिलेश किसी भी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। भाजपा आज़मगढ़ में हमेशा पस्त रहती है। पूरे आज़मगढ़ ज़िले की हर सीट पर यादव-मुस्लिम और दलित-मुस्लिम फ़ैक्टर काम करता है। इसमें से मुस्लिम अगर बसपा से मुसलमान प्रत्याशी या मज़बूत प्रत्याशी मिलने पर अधिक संख्या में बसपा के साथ जाता है तो बसपा जीत जाती है, सपा के साथ रहता है तो सपा जीतती है। इसी तरह कई बार बसपा कुछ सीटों से यादव प्रत्याशी दे देती है और सपा मुस्लिम तब कई बार अधिकांश यादव साइकिल छोड़ हाथी पर सवार हो यादव को जिता ले गया है, क्योंकि बसपा का दलित वोट बैंक प्लस रहता ही है। यादव भाजपा से मज़बूत यादव प्रत्याशी मिलने पर भाजपा के साथ भी कई बार गया।

कुल मिलाकर ये कि अधिकांश मुसलमान और यादव मूवेबल हैं, अपनी क़ौम-जाति का प्रत्याशी होने पर उधर खिसक लेते हैं। जबकि दलित और दलितों में क़रीब अस्सी फ़ीसद आबादी के जाटव बसपा के हाथी की ही सवारी करते हैं, हाँ! इनमें से कुछ का वोट समय-समय पर बाहुबलियों के हाथ बिक जाने की हवा भी उड़ती रही। यादवों में भी पगड़ी वाले यादव मतलब बाहुबली यादव की ज़्यादा पूछ है, इसी वजह से कई बार सपा के मुक़ाबले विपक्षी दल से पगड़ी वाला यादव जीता और सपा का यादव हार गया। यूँ तो अखिलेश आज़मगढ़ ज़िले की आठों सामान्य सीटों में से किसी से भी जीत जाएंगे, ज़िले का एम-वाई समीकरण ही ऐसा है और बड़े चेहरे को चुनाव जल्दी कोई हराना भी नहीं चाहेगा लेकिन अखिलेश यादव के लिए चुनाव जीतने के लिए सबसे मुफ़ीद सीट ज़िले की गोपालपुर विधानसभा सीट रहेगी।यहाँ से उनका चुनाव आसान रहेगा, भितरघात और विपक्षी चालों से भी गोपालपुर पार लगाएगा और यहाँ जीत का अंतर अन्य सीटों के मुक़ाबले बड़ा रहेगा।

वजह कि जब मुलायम सिंह यादव आज़मगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़े थे तो भाजपा के रमाकांत यादव ने उन्हें कड़ी टक्कर दे दी थी, आज़मगढ़ लोकसभा की पांच सीटों में से चार सीटों के यादवों में से काफ़ी ने रमाकांत यादव का दामन थाम लिया था, ऐसे में मुलायम सिंह के हार रहे होने की ख़बर पा मुसलमानों ने बसपा के शाहआलम की जगह आख़िरी में मुलायम सिंह को एकतरफ़ा वोटिंग कर दी और गोपालपुर के यादवों ने भी जमकर मेहनत की और मुलायम सिंह चुनाव जीत गए।

गोपालपुर में सिटिंग एमएलए सपा का है जो मुस्लिम है। गोपालपुर में यादव ख़ूब हैं और मुसलमानों के भी कई बड़े गाँव हैं, बिलरियागंज नगर पंचायत भी गोपालपुर में है और बिलरियागंज क़स्बे में मुस्लिम बहुमत है। गोपालपुर में जो देवारा का इलाक़ा है वहाँ यादव वोट ख़ूब है, वहाँ नदी के किनारे के कई दुर्गम इलाक़े भी हैं, जहाँ कच्ची शराब का काम भी होता है, वहाँ लोकल बाहुबली ख़ूब हैं और ये बाहुबली शिवपाल यादव द्वारा लोक निर्माण मंत्री रहने पर ठेके पट्टे के द्वारा भलीभांति पोषित हैं। शिवपाल का देवारा में अच्छा प्रभाव है। यही वजह रही कि जादुई तौर पर मुलायम सिंह के चुनाव के दौरान चुनाव के दिन अंतिम समय में देवारा के बाहुबली यादवों के इलाक़े में मुलायम सिंह को एकतरफ़ा वोट पोल होने लगा और इसमें शिवपाल यादव की मेहनत मतलब प्रभाव का कमाल रहा। इस बार शिवपाल यादव और अखिलेश साथ में विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, दोनों में सुलह हो गई है, ऐसे में आज़मगढ़ ज़िले की गोपालपुर विधानसभा सीट अखिलेश की इस सीट पर जीत की राह आसान कर देगी और कुल मिलाकर गोपालपुर ही उनके लिए उचित सीट है। उम्मीद है कि अंत में गोपालपुर पर ही अखिलेश की भी मोहर लगेगी, जीत की पूरी उम्मीद जहाँ है, प्रदेश की ऐसी सीटों से चुनाव अखिलेश भी नहीं लड़ना चाहेंगे जहाँ उनका चुनाव फँस जाने की नौबत आन पड़े।
आख़िर जहाँ से आराम से चुनाव जीता जा सके वहीं से योगी भी तो लड़ना चाह रहे हैं, कभी अयोध्या, कभी मथुरा सोचते हैं, फिर गोरखपुर से चुनाव लड़ने को हैं। आसान सीट हर नेता पसंद करता है।

-डॉ. शारिक़ अहमद ख़ान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *