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आजमगढ़ के अपर जिलाधिकारी वि0/रा0/प्रभारी अधिकारी आपदा आजाद भगत सिंह ने बताया कि उ0प्र0 में वज्रपात के कारण वर्ष 2019-20 में 391 व्यक्तियों की, वर्ष 2020-21 में 369 तथा 2021-22 में 280 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है। दिनांक 01 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक के मध्य जनपद में 9 जनहानि हुई जिसके प्रमुख कारण है चेतावनी प्रणाली का अभाव- मौसम विभाग द्वारा दी जाने वाली चेतावनी को जन-साधारण तक पहुंचाना अत्यन्त आवश्यक है। प्रायः यह पाया गया है कि थंडरस्टार्म/लाइटनिंग से संबंधित पूर्वानुमान ग्रास रूट स्तर तक नही पहुंच पाता है, अथवा देर से पहुंचता है। जानकारी का अभाव- थंडरस्टार्म/लाइटनिंग के समय ‘‘क्या करें क्या न करें‘‘ की जानकारी जन-साधारण में न होने के कारण जनहानि की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
आपदा विशेषज्ञ डा0 चन्दन कुमार ने बताया कि बारिश अथवा खराब मौसम के दौरान बिजली गिरने से होने वाली घटनाओं की सूचना पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार एवं आई0आई0टी0एम0, पूना द्वारा विकसित ‘‘दामिनी’’ लाइटनिंग एलर्ट मोबाइल ऐप के माध्यम से मौसम विभाग लगभग 03 घण्टे पूर्व चेतावनी जारी करने में सक्षम है। मौसम विभाग द्वारा थंडरस्टोर्म की तीव्रता एवं बादलों की गतिविधियों के आधार पर वज्रपात का अनुमान उपलब्ध कराया जाता है। गूगल प्ले स्टोर से इस एप को मोबाइल फोन में अपलोड करके मौसम से संबंधित जानकारी समय से पाई जा सकती है। ब्रजपात से कम से कम क्षति हो इसके लिये प्रभावी व्यवस्था को अपनाने के साथ ही अधिसूचित आपदाओ की पूर्व चेतावनी एवं अलर्ट को आम जनमानस तक समय से पहुंचाकर आपदा को कम किया जा सकता है। दामिनी एप लगभग 20 किमी0 के क्षेत्र में संभावित लाइटनिंग अलर्ट का नोटिफिकेशन 3 घण्टे पूर्व प्रेषित करता है, जिससे व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का मौका मिल जाता है।
दामिनि एप मौसम विभाग द्वारा डॉप्लर मौसम रडार तथा इन्सैट थ्री डी सैटेलाइट की मदद से खराब मौसम की पूर्व चेतावनियों को वेबसाइट पर अपलोड किया जाता है, उसके बाद राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा विकसित इन्टीग्रेटेड अर्ली वार्निंग पोर्टल सीधे मौसम की वेबसाइट से डाटा फेच कर आटोमैटिक एस0एम0एस0 जेनेरेट करता हैl वर्तमान में इन्टीग्रेटेड अर्ली वार्निंग पोर्टल, प्रदेश के समस्त ग्राम प्रधानों के साथ लगभग 4 लाख ग्राम तथा तहसील स्तरीय कर्मचारियों को रियलटाइम एस0एम0एस0 तथा वॉयस मैसेज भेजता है, इस इन्टीग्रेटेड अर्ली वार्निंग सिस्टम की विशेषता यह है कि इससे भेजे जाने वाले अलर्ट एस0एम0एस0 एवं वॉइस मैसेज पूरी तरह सॉॅफ्टवेयर आधारित हैं, जो बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के रियल टाइम में लोगों तक पहुँचते है। वर्तमान में प्रदेश में 54000 ग्राम प्रधान, 24000 लेखपाल, 1,59,000 आंगनवाड़ी कार्यकत्री, 1,51,000 आशा एवं 35,000 पुलिसकर्मियों तथा 1.5 करोड़ किसान को मैसेज भेजा जाता है।
अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 ने आम जनमानस से यह अपील की है कि दामिनी एप को गूगल प्ले स्टोर से अपलोड कर इसका लाभ उठायें एवं इसकी सूचना प्रत्येक व्यक्ति तक पहुचायें, जिससे बज्रपात से होने वाली हानि को कम किया जा सके।