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आज़मगढ़ जनपद के शिक्षा क्षेत्र-पवई के अन्तर्गत आने वाले उच्च प्राथमिक विद्यालय फत्तेपुर शेरअली के सहायक अध्यापक श्यामसुन्दर पाण्डेय को विलम्ब से न्याय देने का मामला
आज़मगढ़ मण्डल के सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने जनपद-आज़मगढ़ के शिक्षा क्षेत्र-पवई के अन्तर्गत आने वाले उच्च प्राथमिक विद्यालय फत्तेपुर शेरअली के सहायक अध्यापक श्यामसुन्दर पाण्डेय को न्याय देते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आज़मगढ़ को शिक्षक को न्याय देने में लगभग तीन साल का विलम्ब व लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि जनपद-आज़मगढ़ के शिक्षा क्षेत्र-पवई के अन्तर्गत आने वाले उच्च प्राथमिक विद्यालय फत्तेपुर शेरअली के सहायक अध्यापक श्यामसुन्दर पाण्डेय आज से लगभग तीन साल पहले दिनाँक 10-12-2019 को इसलिए निलम्बित कर दिया गया था कि दिनाँक 28-11-2019 को दोपहर बाद विद्यालय केवल तीन बच्चे ही उपस्थित मिले थे। जबकि सत्यता यह थी कि प्रतिदिन विद्यालय आने वाले बच्चों की औसत संख्या लगभग 15-16 थी और उस दिन एक बच्चे के घर किसी व्यक्ति की आकस्मिक मृत्यु हो जाने व पास के एक गाँव में रामायण पाठ होने के कारण उस दिन बच्चों की संख्या अचानक कम हो गई थी। सिर्फ इतनी सी बात के लिए उक्त शिक्षक श्याम सुन्दर पाण्डेय को तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय ने निलम्बित किया और फिर लगभग दो महीने बाद अपने आदेश पत्रांक : आशु0/ 16593-96/2019-20 दिनाँक 03-02-2020 को एक वेतन वृद्धि अवरुद्ध करते हुए बहाल कर दिया।
इसके बाद उक्त शिक्षक न्याय के लिए अधिकारियों की गणेश परिक्रमा करने लगा। सरकारी विभागों के अधिकारियों की ऊबाऊ कार्यप्रणाली ने उक्त शिक्षक के कई प्रार्थना पत्रों को ठण्डे बस्ते के हवाले ही नहीं किया बल्कि कभी खण्ड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय तो कभी बीएसए ऑफिस दौड़ाया। इसके बाद जब देखा कि मास्टर साहब पसीज नहीं रहे हैं तो अपनी जिम्मेदारियों को बीएसए साहब ने अपने पत्रांक 12670/ 2020-21 दिनाँक 14-03-2022 के द्वारा आज़मगढ़ मण्डल के सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) यानी एडी बेसिक के यहाँ भेज दिया। यहाँ भी मास्टर साहब को न्याय मिलने की उम्मीद जाती रही, तभी काफी दिनों से खाली पड़े सहायक शिक्षा निदेशक के पद पर शासन ने मनोज कुमार मिश्रा को तैनात कर दिया।
आज़मगढ़ मण्डल के सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) मनोज कुमार मिश्रा के संज्ञान में जब उक्त प्रकरण आया तो वह हतप्रभ रह गये। उन्होंने ने तुरन्त अपने बाबू को बुलाकर उक्त शिक्षक को न सिर्फ न्याय दिया बल्कि उन्होंने से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, आज़मगढ़ को अपने पत्रांक : व0 लि0/बे0/1907-10/ 2022-23 दिनाँक 25-08-2022 द्वारा पत्र लिखकर इतना ज्यादा विलम्ब करने वाले दोषियों के खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करने का आदेश भी दिया और कहा कि न्याय त्वरित होना चाहिए। यदि कोई भी अधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों या जनता को न्याय देने में विलम्ब करता है तो उसे उसपर कठोर कार्यवाही की जाएगी। क्योंकि किसी को भी बेवजह दौड़ाना या फिर जानबूझकर विलम्ब से न्याय करना अन्याय की श्रेणी में आता है।
इस प्रकार सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लगभग तीन साल से परेशान शिक्षक को न सिर्फ न्याय दिया बल्कि अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को यह संकेत भी दिया कि यदि भविष्य में किसी को बेवजह दौड़ाया जायेगा या फिर परेशान किया जायेगा तो उनके विरुद्ध भी कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने अपने उक्त आदेश में इस बात का भी स्पस्ट उल्लेख किया है कि निलम्बन और बहाली विषयक प्रकरण पर इतनी लापरवाही/लाल फीताशाही बरते जाने से निश्चित तौर पर विभाग की छवि धूमिल होती है। इसलिए उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आज़मगढ़ को निर्देश दिया कि इस प्रकरण में विलम्ब के लिए दोषी अधिकारी/कर्मचारी पर कार्यवाही सुनिश्चित करें।