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सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ आगामी 13 नवम्बर को गृहमंत्री अमित शाह जी के कर कमलों द्वारा होने वाले आज़मगढ़ राज्य विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह के कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने आजमबांध-यशपालपुर में नए राज्य विश्वविद्यालय के शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया।
प्रशासन व पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक भी की। इस दौरान जिलाधिकारी राजेश कुमार ने राज्य विश्वविद्यालय की भूमि व गृहमंत्री के कार्यक्रम स्थल की भूमि का डेमो दिया। सीएम ने कार्यक्रम स्थल के बारे में पूरी जानकारी ली। साथ ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इस दौरान जिलाधिकारी राजेश कुमार ने सीएम को बताया कि आज़मगढ़ मुख्यालय से विश्वविद्यालय की दूरी करीब 16 किमी है। उन्होंने बताया कि गाजीपुर में बन रहे हाईवे से यनिवर्सिटी के मार्ग को जोड़ा जाएगा। इसकी लम्बाई करीब 16 किमी है। जिसके निर्माण में कुल करीब 934 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे लोगों को काफी आसानी होगी। उन्होंने पूरा डेमो मुख्यमंत्री को दिखाया। उन्होंने बताया कि करीब 52.27 एकड़ भूमि में कुलपति आवास व छात्रावास के लिए यहाँ पर भूमि है।
क्या विश्वविद्यालय का उद्घाटन स्थल परिवर्तित हो सकता है?
विश्वस्त सूत्रों से मिले समाचार के अनुसार आज़मगढ़ राज्य विश्वविद्यालय के शिलान्यास समारोह के कार्यक्रम स्थल को लेकर जिला प्रशासन उहापोह की स्थिति में है।
सम्भव है आनन-फानन में कार्यक्रम स्थल परिवर्तित भी हो सकता है। क्योंकि आज़मबाँध गाँव में जल भराव आदि कारणों से मार्ग में दलदल हो गया है। जिसके चलते नए कार्यक्रम स्थल के रूप में ग्राम सेवटा व अकबेलपुर (चण्डेश्वर- चक्रपानपुर मार्ग पर) की भूमि चयनित करने की कवायद करते हुए कुछ अधिकारी देखे गए हैं। जबकि सीएम द्वारा आज़मबाँध गाँव की भूमि देखने के बाद जिला प्रशासन की स्थिति साँप-छछूंदर जैसी हो गई है।
उल्लेखनीय है कि आज़मगढ़ राज्य विश्वविद्यालय के लिए सबसे पहले जनपद मुख्यालय के समीप लगभग 6किमी के अन्दर ग्राम मोहब्बतपुर में जमीन देखकर तत्कालीन जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण किया था। इसके बाद पता नहीं क्यों या किसी बड़े भूमि माफिया के दबाव में उक्त अधिग्रहित भूमि के अतिरिक्त जहानागंज विकास खण्ड के आज़मबाँध गाँव की भूमि अधिग्रहित की गई। जो आमजन के मतानुसार सर्वथा अनुपयुक्त थी। जहाँ आने-जाने में कई बार वाहनों को बदलना पड़ेगा। लेकिन जिला प्रशासन की मिलीभगत या अविवेकपूर्ण निर्णय से आज़मगढ़ राज्य विश्वविद्यालय के लिए आज़मबाँध गाँव की उक्त भूमि का अधिग्रहण किया गया। खैर, इस समय सरकार के अविवेकपूर्ण कार्यों की आलोचना करना समीचीन प्रतीत नहीं होता है। अब सिर्फ यह कहा जा सकता है कि क्या प्रशासन का प्रस्तावित नवीन कार्यक्रम स्थल उपयुक्त हो सकता है?
– एम सांकृत्यायन