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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तीनों कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बावजूद लखनऊ में इको गार्डेन पार्क में आज किसानों की महापंचायत हुई.
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अभी कोई भी ऐलान नहीं हुआ है. एमएसपी एक बड़ा सवाल है.
टिकैत ने कहा कि सरकार ने किसानों को बांटने का प्रयास किया. इको गार्डेन पार्क में आयोजित महापंचायत में कहा कि माफी मांगने से किसानों का भला होने वाला नहीं है, उनका भला एमएसपी कानून बनाने से होगा. उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर केंद्र सरकार झूठ बोल रही है कि कमेटी बना रहे हैं, जबकि 2011 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी कि किसानों के लिए एमएसपी लागू करें. ये रिपोर्ट पीएमओ में रखी है उसे ही लागू कर दें, नई कमेटी की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने का वादा चुनाव में किया था, उस पर अमल नहीं हुआ है.
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) November 22, 2021
उन्होंने कहा कि सरकार ने संघर्ष विराम की घोषणा की है, जबकि सिर्फ तीन कानूनों की वापसी भर से मानने वाला नहीं है. आंदोलन चरणवार जारी रहेगा. गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करके गिरफ्तार किया जाए. उन्होंने कहा कि पता चला है कि अजय मिश्र शुगर मिल का उद्घाटन कर रहे हैं यदि ऐसा हुआ तो किसानों का गन्ना मिल पर नहीं डीएम के दफ्तर में पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत से हल निकाल लें वरना चुनाव में सबक सिखाएंगे.