अयोध्या फिल्म फेस्टिवल: सरोकारी सिनेमा ने छोड़ी छाप, सबने सराहा

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– सिनेमा के सरोकारी स्वरूप पर आधारित सिनेमा का हुआ प्रदर्शन

– अयोध्या में हुआ 15वां फ़िल्म फेस्टिवल

– सिनेमा जगत की हस्तियां रहीं शामिल

अशफ़ाक -बिस्मिल सभागार में 15वें अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल का शानदार आयोजन हुआ। अयोध्या एक और फ़िल्म फेस्टिवल का ऐतिहासिक रूप से गवाह बना। विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों से इसका रंगारंग शुभारंभ किया गया। पद्मश्री मोहम्मद शरीफ ने दीप प्रज्ज्वलन कर आयोजन का औपचारिक उद्घाटन किया। समारोह में इसके बाद फिल्मों के प्रदर्शन का सिलसिला शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी रहा।

अपने संबोधन में पदमश्री मोहम्मद शरीफ ने अपने संघर्षमयी जीवन पर 2009 में बनी फिल्म दस्तावेजी फिल्म के संस्मरणों को साझा किया। ‘अवाम का सिनेमा’ द्वारा बनाई गई इस फिल्म को देखकर दर्शकों के आंसू छलक आये।

वरिष्ठ फिल्म अभिनेता शक्ति कुमार मिश्रा ने कहा कि ‘अवाम का सिनेमा’ जैसे आयोजन छोटे शहरों में सरोकारी सिनेमा के बारे में बेहतर समझ पैदा कर रहें हैं जो अपनी बदौलत बदलाव के बड़े कैनवस का निर्माण कर रहे हैं।

विक्टरी गर्ल्स डांस एकेडमी की देशभक्ति नृत्य प्रस्तुति और अवधी लोक कला समिति की रंगारंग प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। देशभक्ति से ओत प्रोत प्रस्तुति से सभागार तालियों से गूंज उठा। इसके साथ ही सेंट मेरी स्कूल के छात्राओं की रंगोली प्रस्तुति, ब्लैक बेल्ट दिलदार सिंह के टीम की कराटे, एडीएस का माडल शो, जिंगल बेल की
छात्राओं का सामूहिक नृत्य आदि प्रस्तुतियों का सिलसिला जारी रहा।

15वां आयोजन

अयोध्या फ़िल्म फेस्टिवल का यह 15वां आयोजन रहा। इससे पूर्व देश भर के विभिन्न स्थलों में यमुना-चंबल के बीहड़ों से लेकर कारगिल तक सिनेमा का यह शुरू हुआ सफर एक बार फिर अयोध्या आ पहुंचा था। आयोजन के जरिये देश विदेश की दर्जनों फिल्में दर्शकों तक पहुंच रही हैं। समारोह के अब अगले दो दिनों तक सरोकारी फिल्मों के प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहा। जिसे अज़रबैजान निवासी चर्चित फिल्म पुरस्कार विजेता लेखक, निर्माता, निर्देशक जलालुद्दीन गसीमोव। अल्बानिया निवासी फ़िल्म निर्देशक, लेखक, व्याख्याता वलमीर टेरटिनि। अभिनेत्री, मॉडल मान्या पाठक और चेयरमैन,
फेस्टिवल ज्यूरी एवं निर्देशक प्रोफेसर डॉ. मोहन दास ने चयन किया था।

इन फिल्मों का हुआ प्रदर्शन

आयोजन में दिखाई गईं विभिन्न श्रेणी में पुरस्कृत की गई फिल्मों को पुरस्कार समारोह के दौरान फिल्मकारों को सम्मानित किया गया।

चौरी चौरा जनविद्रोह शताब्दी वर्ष के दौरान हाल में बनी फीचर फिल्म ‘1922 प्रतिकार चौरा चौरा’ का कुछ अंश समारोह में विशेष रूप से दिखाया
गया। जिसमें चौरीचौरा के गुमनाम नायको के संघर्ष पर्दे पर जीवंत हो उठे और उपस्थित दर्शकों के रोगंटे खड़े हो गए। 1922 प्रतिकार चौरी फिल्म के निर्देशक अभिक भानु ने छात्र राजनीति पर केंद्रित ‘लाल डिग्गी’ नाम से फिल्म बनाने का ऐलान करते हुए अयोध्या के कलाकारो को फीचर फिल्म में काम देने का वादा मंच से किया।

संयुक्त निदेशक डी के सिंह, प्रिंसिपल आईटीआई इं के. के लाल, ओम प्रकाश सिंह, डॉ साम्राट अशोक मौर्य, अमित सिंह, विभाकर पांडे, आशीष अग्रवाल, अंतरिक्ष श्रीवास्तव, अंकित कुमार, सूरज
यादव, जनार्दन पाण्डेय ‘बब्लू’, शुभम गुप्ता, भारती रिंह आदि सहयोग रहा।

आयोजन में शामिल रहीं हस्तियां

प्रोफेसर डॉक्टर मोहनदास फिल्म निर्देशक, चर्चित फिल्म अभिनेता शक्ति कुमार मिश्रा, फिल्म लेखक-निर्देशक अभिक भानु, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज लेखिका आर्यावर्ती सरोज ‘आर्या’, फिल्म लेखक-निर्देशक डॉ. आलोक सोनी, रूद्राक्ष मैन डॉ. रिपुदमन सिंह, नेशनल प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सौरभ आर्य, फिल्म निर्देशक टाइगर यादव, फिल्म अभिनेता-पत्रकार उपेंद्र पांडेय, फिल्म अभिनेता आर के यादव, लैटिन अमेरिका एक्सपर्ट हरेन्द्र राणा, वर्ल्ड किक बॉक्सिंग चैंपियनशिप इटली विजेता कुणाल कुमार, फिल्म अभिनेता कमल यादव, फिल्म निर्माता शशिनाथ दुबे, फिल्म निर्माता जसवंत कुमार, आई ई आर एफ अबू धाबी के निदेशक विवेक तिवारी आदि।

फीचर फिल्में
4 सम, आर बा, अघोरा, दिवस्वपना, गुठली मुगामुनी, स्टैंड अप, मानवी, सफाईबाज़- द स्क्वैनजर माने (द होम), थकावी, बलिफूल: वेलकम टू बस्तर’ फ़िल्म प्रदर्शित की गई।

दस्तावेजी फिल्में
अक़्वाबा द अवेकनिंग, मॉंक्स ऑन मिशन, उरोमासटिक्स मालिएन्सिस, व्हाट्स योर स्टोरी प्रदर्शित हुई।

*म्यूजिक वीडियो*
ए मूरिश गर्ल विथ हर रैटल स्टिक, अंधिमनथंबिल, या खुदा, कैरोसिल: शी डांस, आई बो टू थी ओ मदर, इंडिया कॉलिंग, जगादोधरना, द स्काईज- कम्युनिकेशन पोएम्स बाई टू एम्परर पोएट्स, रोध, वादा है, प्रदर्शित हुई

लघु फिल्में (शॉर्ट्स)
ए डेट विथ मदर, एबंडनमेंट, बहार, फ़क़्त 144, चड्ढी बडीज़, कलर्स:सैफ़रॉन, डाइनिंग टेबल, मांस, डजिब्रिल फॉरेस्ट, एक अच्छी नौकरी, एसो सुसोंगवाद एसो, हिंदी अखबार, जस्ट अनदर डे, काला टीका, मनहूस, लेने के देने, मैटी बॉय, नचिकेता, इट्स यू, नमक, नथिंग हैपण्ड, द थ्रेशोल्ड, दिस डे दैट ईयर, टाइमलेस, टोकन न. 100, पॉल 10, ज़ीरो किलोमीटर’ दिखाई गई।

एनीमेशन फिल्म्स
अनन्तशायनाम, अर्थम-अनर्थम, कहानियां, मिक्सी, मंकी इंटर्स लंका, द चेयर को दिखाया गया।

वेब सीरीज
सोफा, बेचारे बैचलर्स, सीधा रास्ता टेढ़ी चाल, का दर्शकों ने लुत्फ लिया।

फ़िल्म समारोह में दो दिनों तक फिल्मों का प्रदर्शन जारी रहा। समापन समारोह तक सिनेमा और साहित्य जगत के लोगों का आयोजन से जुड़ाव बना रहा। स्थानीय स्तर पर फिल्मों के निर्माण को बढ़ावा देने में यकीनन यह आयोजन सफल साबित हुआ।

– शाह आलम

Shivam Rai

समकालीन मुद्दों पर लेखन। साहित्य व रंगकर्म से जुड़ाव।

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