धोनी के सिर ताज, चेन्नई फिर सरताज

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किसी ने क्या खूब लिखा है,

एक दिन वर्षों का संघर्ष, बहुत खूबसूरत तरीके से तुमसे टकराएगा

महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स के आईपीएल 2020 के संघर्ष की कहानी अब इतिहास है और 15 अक्टूबर 2021 की शाम एक नई कहानी लिखने की शाम है। वो कहानी जो 2018 में लिखी गई उसी का दूसरा वर्जन 2021 है। ज्यादा दूर नहीं पिछले साल इसी समय यहीं यूएई में महेंद्र सिंह धोनी और उनकी येलो आर्मी को अपने 14 मुकाबलों में से 8 में हार का मुँह देखना पड़ा था। एक कप्तान, जो थका हुआ लग रहा था, एक टीम जिसका मनोबल यूएई के रेगिस्तान में कहीं गायब हो गया था, खिलाड़ियों की हालत मृगतृष्णा के मृग सी हो गई थी, ट्रॉफी तक पहुंचने के सभी आसार खत्म हो चुके थे। जिस टीम के बारे में कभी कहा जाता था, ‘आईपीएल इज ए टूर्नामेंट वेयर ऑल सेवेन टीम्स कम्पीट टू प्ले दी फाइनल अगेंस्ट चेन्नई सुपर किंग्स’ वो टीम आईपीएल 2020 से बाहर होने वाली पहली टीम बन गई थी। तब उस टीम के कप्तान ने अपने फैन्स से एक बात कही, ‘वी विल कमबैक स्ट्रॉन्गर, दैट्स वॉट वी आर नोन फॉर’।

फिर आया अप्रैल 2021, साल बदला, परिस्थिति बदली, टीम की मनःस्थिति बदली और मैदान पर चेन्नई का वही पुराना रूप दिखा। वो रूप जिसके कारण इस टीम के इतने चाहने वाले हैं। चेन्नई की जीत में किसी एक खिलाड़ी या कप्तान का हाथ नहीं बल्कि पूरी टीम का है। 2020 में जो टीम हर एक मैच में संघर्ष कर रही थी वो टीम 2021 में चैम्पियन की तरह खेली। चाहे वो आईपीएल का पहला चरण हो या फिर दूसरा। चेन्नई की टीम मानो पिछले साल का हिसाब बराबर करने आई थी। खिलाड़ियों ने ऐसा ‘स्पार्क’ दिखाया जिसकी रोशनी में सभी टीमों की आंखें चौंधिया गईं। पिछले साल पेनकिलर खाकर हांफते हुए मैदान पर संघर्ष करते कप्तान धोनी को जब इस साल सौरव गांगुली ने ट्रॉफी दी, मैं फफक कर रो पड़ा। ट्रॉफी मिलते ही उस सुकून को लिखना असंभव है।

2020 में हर मैच में संघर्ष करती टीम की 2021 में ताजपोशी ये बताती है कि ‘वक़्त की सबसे खास बात ही यही है कि वो बदलता जरूर है’। ये कहानी ‘वी विल कमबैक स्ट्रॉन्गर’ से, ‘आई हैव नॉट लेफ्ट बैक’ की है। ये “स्पार्कलेस” गायकवाड़ से ऑरेंज कैप होल्डर ऋतुराज की कहानी है। ये “WHY” रॉबिन से “WOW” उथ्प्पा की कहानी है। ये चैम्पियन सुपर किंग्स की कहानी है। इस डैडी आर्मी ने एक बार फिर युवाओं से भरी हुई टीमों को ये सीख दे दी कि अगर युवा को अनुभव का साथ मिल जाए फिर उसे कोई नहीं रोक सकता।

अब आईपीएल मेगा ऑक्शन की तरफ बढ़ रहा है। शायद अगले साल से हम इस विजेता टीम को फिर से साथ खेलते नहीं देखें, इस यूनिट को मिस करेंगे जिसने एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार ये बताया कि जब भी दुनिया आप पर उंगली उठाए उसे बोल कर नहीं अपने खेलने के अंदाज से जवाब दो। कभी शेन वॉटसन बनो तो कभी फाफ डू प्लेसिस, क्योंकि जीतने का मजा तभी आता है जब सब आपकी हार का इंतजार कर रहे होते हैं।

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