राकेश टिकैत पर भड़के भाकियू अध्यक्ष
जिन कृषि कानूनों का 40 से ज्यादा किसान संगठन विरोध कर रहे हैं, उनके बारे में भी भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि, “हमें किसानों के हित में किसान आयोग चाहिए। इन नए कृषि कानून बने रहने दो इनमें कोई दिक़्क़त नहीं है। हमारी मांग तो यह है कि किसान आयोग का गठन हो। इसके लिए किसान नेताओं की सरकार से वार्ता होगी।”
इधर, टिकैत का सरकार पर वार, बोले..
वहीं, भारतीय किसान यूनियन में आपसी मतभेदों को दरकिनार करते हुए राकेश टिकैत भाजपा सरकार पर लगातार हमलावर हैं। टिकैत ने सरकार को एक बार फिर कृषि कानूनों को वापस लेने को कहा है। साथ ही उन्होंने कहा है कि, यदि सरकार किसानों की हितैषी है तो एमएसपी पर कानून बनाए। उन्होंने कहा कि, सरकार किसानों की ताकत को समझे। अगर किसान की अनदेखी होगी तो किसान सबक भी सिखाना जानता है। उन्होंने ये भी कहा कि आंदोलन को खत्म करने का कोई सवाल ही नहीं है, आंदोलन चलता रहेगा।
आखिर क्यों हो रहा कृषि कानूनों का विरोध?
केंद्र सरकार बीते साल जून में तीन नए कृषि कानून लेकर आई थी, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान हैं। इसको लेकर किसान संगठनों ने बिल पर ऐतराज जताया। सितबंर में किसान संगठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी। उसके बाद 26 नवंबर को पंजाब-हरियाणा के किसान आंदोलनकारियों ने दिल्ली के लिए कूच किया। तभी से वे लगातार आंदोलनरत हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। आंदोलनकारी दिल्ली-हरियाणा के सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर एवं यूपी और दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर समेत दिल्ली के अन्य बॉर्डर्स पर धरना दे रहे हैं।